फसलों के उत्पादन में महिलाओं के योगदान को हमारी अर्थव्यवस्था में महत्व क्यों नहीं दिया जाता है? इस बारे में कक्षा में चर्चा कीजिए।

भारत में किसान शब्द का अर्थ पुरुष किसान से लगाया जाता है जबकि खेतों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएँ भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं लेकिन उसके वावजूद उनके परिश्रम को भारतीय समाज महत्त्व नहीं देता| इसके पीछे अनेक कारण हैं| सबसे पहले तो वो पुरुषवादी मानसिकता जो महिला को पुरुष की संपत्ति समझती है| उसके कार्य को पुरुषों के कार्य से कमतर समझा जाता है इसी कारण से खेतों में महिला कृषकों द्वारा किये गए परिश्रम को महत्व नहीं दिया जाता बल्कि उन्हें तो सिर्फ पुरुष कृषक के सहयोगी के रूप में देखा जाता है| दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह है कि भारत में भूमि के मालिक अकसर पुरुष ही होते हैं इस कारण से भी खेतों में काम करने वाली महिला कृषकों के परिश्रम को ज्यादा महत्त्व नहीं दिया जाता|


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